श्री हनुमान जी की आरती : आरती कीजै हनुमान लला की.. आरती आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर काँपे। रोग दोष जाके निकट ना झाँके। अंजनि पुत्र महा-बल-दायी। संतान के प्रभु सदा...
Aarti of Shri Hanuman ji ( श्री हनुमान जी की आरती ) ….
Aarti of Durga Maa ( दुर्गा मां की आरती ) ….
दुर्गा मां की आरती : जय अम्बे गौरी, मैया जय.. आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी ॥ मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नैना,...
Aarti of Lord Shiva ( भगवान शिव जी की आरती ) ….
शिव जी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा, आरती ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। शिव पंचानन राजे।हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ हर...
Shiv Chalisa ( शिव चालिसा )
॥ श्री शिव चालिसा ॥ दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन , मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ,कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग...
Aarti of Shri Ganesh Vishnu ( श्री गणेश जी की आरती )….
श्री गणेश जी की आरती : जय गणेश जय गणेश, जय गणेश... आरती जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥जय गणेश जय गणेश,...
Shri Ganesh Chalisa ( श्री गणेश चालिसा )
॥ श्री गणेश चालिसा ॥ दोहा जय गणपति सदगुण सदन , कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण , जय जय गिरिजालाल॥ चौपाई जय जय जय गणपति गणराजू , मंगल भरण करण शुभः काजू॥जै गजबदन सदन सुखदाता , विश्व विनायका बुद्धि...
Shri Krishna Chalisa ( श्री कृष्ण चालिसा )
॥ श्री कृष्ण चालिसा ॥ दोहा बंशी शोभित कर मधुर , नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल , पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन छवि , कृष्णचन्द्र महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय , राखहु जन की लाज॥ चौपाई...
Maa Durga Chalisa ( मां दुर्गा चालिसा )
॥ श्री दुर्गा चालिसा ॥ दोहा नमो नमो दुर्गे सुख करनी , नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ चौपाई निरंकार है ज्योति तुम्हारी , तिहूँ लोक फैली उजियारी॥शशि ललाट मुख महाविशाला , नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे ,...
Shri Hanuman Chalisa ( श्री हनुमान चालिसा )
॥ श्री हनुमान चालिसा ॥ दोहा श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥ चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर...